सड़कों पर आक्रामक ड्राइवर से सामना होना एक तनावपूर्ण अनुभव हो सकता है। एक पल आप अपनी पसंदीदा धुन सुन रहे होते हैं, और अगले ही पल, एक गुस्सैल ड्राइवर आपको ओवरटेक करते हुए, अपशब्द कहता हुआ या कभी-कभी हिंसक व्यवहार करता हुआ मिल सकता है।

हाल ही में भारत में रोड रेज की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग मानसिक तनाव और आक्रोश से जूझ रहे हैं। हालांकि, कुछ सावधानियां बरतकर हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं और अन्य देशों की सीख से इस समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं।

1. रोड रेज क्या है? (What is Road Rage)

Increasing cases of road rage

रोड रेज का मतलब सड़क पर किसी भी प्रकार के आक्रामक या हिंसक व्यवहार से होता है। यह निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है:

  • खतरनाक ओवरटेक करना
  • तेजी से गाड़ी चलाना
  • दूसरी गाड़ी को पास न देना
  • गुस्से में आकर अपशब्द कहना
  • वाहन को जानबूझकर नुकसान पहुँचाने की कोशिश
  • शारीरिक झगड़ा करना

2. भारत में रोड रेज के कारण (Causes of Road Rage in India)

रोड रेज आमतौर पर गुस्से और निराशा से उत्पन्न होता है। इसके पीछे मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. ट्रैफिक की समस्या: घंटों तक ट्रैफिक में फंसे रहने से ड्राइवर चिढ़ जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है।
  2. गलत ड्राइविंग आदतें: बहुत से लोग यातायात नियमों का पालन नहीं करते, जिससे दूसरों को गुस्सा आता है।
  3. स्ट्रेस और डिप्रेशन: मानसिक तनाव और अवसाद से ग्रसित लोग गुस्से में आकर गलत निर्णय लेते हैं।
  4. अनुशासनहीनता: कुछ लोग खुद को नियमों से ऊपर समझते हैं और सड़क पर धौंस जमाने की कोशिश करते हैं।

3. रोड रेज से बचाव के उपाय (Precautionary Measures to Avoid Road Rage)

Increasing cases of road rage

अगर आप कभी किसी रोड रेज की घटना में फंस जाएं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

1. विवाद में न पड़ें

अगर कोई गुस्से में है, तो उसका जवाब न दें। विवाद बढ़ाने से स्थिति और बिगड़ सकती है। बेहतर होगा कि आप शांत रहें और वहां से निकल जाएं।

2. खुद को सुरक्षित रखें

अगर आपको लगे कि स्थिति खतरनाक हो सकती है, तो अपने वाहन का दरवाजा बंद रखें और जल्द से जल्द सुरक्षित स्थान पर पहुँचें।

3. ट्रैफिक नियमों का पालन करें

अक्सर रोड रेज गलत ड्राइविंग आदतों की वजह से होता है। हमेशा लेन बदलते समय इंडिकेटर दें और ट्रैफिक लाइट का पालन करें।

4. डैशकैम का उपयोग करें

डैशकैम आपकी गाड़ी में होने वाली गतिविधियों को रिकॉर्ड कर सकता है, जो किसी कानूनी कार्यवाही में आपके लिए मददगार हो सकता है।

4. अन्य देशों से क्या सीख सकते हैं? (What Can We Learn from Other Countries)

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ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में रोड रेज को गंभीर अपराध माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति सड़क पर किसी और के वाहन को नुकसान पहुँचाता है या जानबूझकर टक्कर मारता है, तो उसे 5 साल तक की जेल और 57 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

सिंगापुर

सिंगापुर में रोड रेज एक दंडनीय अपराध है। दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 2 साल तक की जेल और 3.21 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

यूनाइटेड किंगडम

ब्रिटेन में रोड रेज के दौरान किसी पर हमला करना अपराध है। 1986 के पब्लिक ऑर्डर एक्ट के तहत, अगर कोई व्यक्ति सड़क पर किसी और को डराने या परेशान करने का प्रयास करता है, तो उसे कड़ी सजा दी जा सकती है।

संयुक्त राज्य अमेरिका

अमेरिका में रोड रेज के मामले में दोषी व्यक्ति पर ‘रेकलैस ड्राइविंग’ का आरोप लगाया जा सकता है, जिससे उसे भारी जुर्माना और जेल की सजा मिल सकती है।

जापान

जापान में आक्रामक ड्राइविंग करने वाले को 5 साल तक की जेल और 5.75 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

5. भारत में रोड रेज के लिए कानून (Laws for Road Rage in India)

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1. भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 281

अगर कोई व्यक्ति तेज और लापरवाह ड्राइविंग करता है, जिससे किसी की जान को खतरा होता है, तो उसे:

  • 6 महीने तक की जेल,
  • 1,000 रुपये तक का जुर्माना,
  • या दोनों हो सकते हैं।

2. मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 184

अगर कोई व्यक्ति खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाता है, तो उसे:

  • पहली बार पकड़े जाने पर 6 महीने से 1 साल तक की जेल, 1,000 से 5,000 रुपये का जुर्माना,
  • और तीन साल के अंदर फिर से अपराध करने पर 2 साल तक की जेल और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

6. रोड रेज रोकने के लिए वैश्विक पहल (Global Initiatives to Prevent Road Rage)

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कई देशों ने रोड रेज से निपटने के लिए जागरूकता अभियान और सख्त कानून लागू किए हैं। कुछ महत्वपूर्ण पहल:

  • यूएस, यूके, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया में रोड रेज के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
  • नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया में स्कूलों में यातायात नियमों की शिक्षा अनिवार्य है।
  • सिंगापुर में ‘अंगर मैनेजमेंट कोर्स’ चलाए जाते हैं ताकि लोग अपने गुस्से को नियंत्रित कर सकें।
  • जापान में रोड सेफ्टी शिक्षा अनिवार्य है।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारत में रोड रेज एक गंभीर समस्या बन चुका है। इसे रोकने के लिए सरकार को सख्त कानून लागू करने चाहिए और लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करना चाहिए। साथ ही, हमें खुद भी संयम बनाए रखना चाहिए और सड़क पर धैर्यपूर्वक वाहन चलाना चाहिए।

अगर हम सभी मिलकर जिम्मेदारी से ड्राइविंग करें और अनुशासन का पालन करें, तो सड़कें ज्यादा सुरक्षित बन सकती हैं। क्या आप भी मानते हैं कि भारत में सख्त रोड रेज कानून की जरूरत है? नीचे कमेंट करके बताएं!

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