कार एक्सीडेंट एक पल में हो सकता है, लेकिन उसके बाद सही कदम उठाना आपकी और दूसरों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। जैसे एक पुरानी कहावत है, “दुर्घटना से देर भली,” वही बात सड़क सुरक्षा पर भी लागू होती है। सीट बेल्ट पहनना, ट्रैफिक नियमों का पालन करना और सतर्क रहना हमेशा आवश्यक है, लेकिन यदि दुर्घटना हो जाए, तो आपको घबराने की बजाय इन 10 महत्वपूर्ण कदमों का पालन करना चाहिए।
1. शांत रहें और स्थिति का आकलन करें (Stay Calm and Assess the Situation)

एक्सीडेंट के तुरंत बाद घबराहट होना स्वाभाविक है, लेकिन इस समय शांत रहना बेहद जरूरी है। हादसे के 3-4 सेकंड में आप जो निर्णय लेते हैं, वह आगे की स्थिति को संभालने में मदद कर सकता है।
क्या करें:
- गहरी सांस लें और अपने आसपास की स्थिति पर ध्यान दें।
- खुद को और अन्य यात्रियों को चोट के लिए जांचें।
- गंभीर चोट के लक्षण जैसे अधिक खून बहना या सांस लेने में तकलीफ को तुरंत पहचानें।
त्वरित उपाय:
यदि कोई व्यक्ति बेहोश है, तो उसकी नाक के नीचे और ऊपरी होंठ के बीच हल्के दबाव के साथ गोलाकार मसाज करें। इससे पीड़ित को होश में लाने में मदद मिल सकती है।
2. सुरक्षित स्थान पर जाएं (Move to Safety)

यदि वाहन को चलाया जा सकता है और आपको गंभीर चोट नहीं लगी है, तो कार को सड़क के किनारे सुरक्षित स्थान पर पार्क करें। इससे यातायात बाधित नहीं होगा और दूसरी टक्कर का खतरा कम होगा।
महत्वपूर्ण बातें:
- तुरंत हैजर्ड लाइट्स ऑन करें।
- यदि वाहन से बाहर निकलना सुरक्षित है, तो बाहर निकलें और किनारे पर खड़े रहें।
- यदि आग लगने का खतरा हो, तो वाहन से दूर हटें।
3. आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें (Call for Emergency Services)

एम्बुलेंस के लिए 108 डायल करें:
चोट चाहे छोटी हो या बड़ी, पेशेवर चिकित्सा सहायता लेना हमेशा बेहतर होता है। यदि किसी की हालत गंभीर है, जैसे कि अधिक खून बहना या सांस लेने में परेशानी, तो बिना डॉक्टर की मदद के उसे हिलाने की कोशिश न करें।
पुलिस के लिए 100 या 112 डायल करें:
हादसे की सूचना पुलिस को देना कानूनी रूप से अनिवार्य है। पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी, जो बीमा दावों और कानूनी प्रक्रियाओं में सहायक होती है।
महत्वपूर्ण कानून:
- धारा 281 बीएनएस: सार्वजनिक स्थान पर लापरवाह ड्राइविंग।
- धारा 106 बीएनएस: लापरवाही से मृत्यु का कारण बनाना।
- धारा 134 मोटर वाहन अधिनियम: दुर्घटना स्थल से भागना अपराध है।
4. चिकित्सीय जांच करवाएं (Seek Medical Attention)

भले ही चोटें मामूली दिखें, लेकिन अंदरूनी चोटें खतरनाक हो सकती हैं। सिर में चोट या आंतरिक रक्तस्राव जैसी समस्याएं तुरंत दिखाई नहीं देतीं।
क्या करें:
- निकटतम अस्पताल में मेडिकल चेकअप करवाएं।
- डॉक्टर की रिपोर्ट और मेडिकल बिल संभाल कर रखें।
मेडिको-लीगल सर्टिफिकेट (MLC):
यह प्रमाण पत्र कानूनी प्रक्रिया के लिए आवश्यक है, जो दुर्घटना के दौरान लगी चोटों का दस्तावेजी प्रमाण देता है।
5. मुआवजे का दावा करें (Claim Compensation)
केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मुआवजा:
- मृत्यु पर: ₹2 लाख
- गंभीर चोटों पर: ₹50,000
बीमा दावा (Insurance Claim):
यदि आपका या दोषी वाहन का थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस है, तो आप बीमा कंपनी से मुआवजा ले सकते हैं।
- धारा 140 मोटर वाहन अधिनियम: इसमें पीड़ित को बिना दोष साबित किए मुआवजा पाने का अधिकार है।
6. बीमा कंपनी को सूचित करें (Inform Your Insurance Company)

दुर्घटना के बाद बीमा कंपनी को जल्द से जल्द सूचित करें। इससे दावा प्रक्रिया जल्दी शुरू हो जाती है। बीमा कंपनी एक सर्वेयर नियुक्त करती है जो वाहन की क्षति का आकलन करता है।
बीमा कंपनी को जानकारी देते समय:
- पॉलिसी नंबर, दुर्घटना की तारीख और समय बताएं।
- दुर्घटना की तस्वीरें और एफआईआर की कॉपी संलग्न करें।
7. अपने बीमा कवर को समझें (Understand Your Coverage)

क्या जांचें:
- आपकी पॉलिसी में क्या-क्या कवर है?
- क्या रोडसाइड असिस्टेंस या मेडिकल कवरेज शामिल है?
- थर्ड-पार्टी बीमा के तहत कितनी राशि तक मुआवजा मिलेगा?
8. बीमा दावा दाखिल करें (File an Insurance Claim)
दावा दर्ज करने की प्रक्रिया:
- बीमा कंपनी की हेल्पलाइन पर कॉल करें।
- दुर्घटना से संबंधित सभी दस्तावेज जमा करें।
- सर्वेयर की रिपोर्ट का इंतजार करें और दावा प्रक्रिया पूरी करें।
9. वाहन की मरम्मत करवाएं (Arrange Vehicle Repairs)

बीमा कंपनी के साथ मिलकर कार की मरम्मत की व्यवस्था करें। कोशिश करें कि आप बीमा कंपनी के नेटवर्क गैरेज में ही मरम्मत करवाएं ताकि आपको कैशलेस सुविधा मिले।
प्रो टिप:
अपने वाहन में डैशकैम लगवाएं। इससे दुर्घटना के समय रिकॉर्ड की गई वीडियो आपके लिए साक्ष्य के रूप में मददगार हो सकती है।
10. कानूनी सलाह लें (Seek Legal Advice if Needed)
यदि दुर्घटना गंभीर है और कानूनी पेचिदगियां हैं, तो एक अनुभवी वकील से सलाह लें। इससे आप मुआवजे के लिए सही कानूनी प्रक्रिया अपना सकते हैं।
कब कानूनी मदद लें:
- यदि बीमा कंपनी दावा अस्वीकार कर दे।
- दुर्घटना में मृत्यु या गंभीर चोट के मामले में।
निष्कर्ष (Conclusion)
दुर्घटना के बाद सही कदम उठाना न केवल आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि कानूनी और वित्तीय समस्याओं से भी बचाता है। हमेशा ट्रैफिक नियमों का पालन करें और सतर्क रहें। लेकिन यदि दुर्घटना हो जाए, तो घबराने की बजाय इन 10 महत्वपूर्ण कदमों का पालन करें।