भारत में सड़क सुरक्षा के लिए ट्रैफिक संकेत (Traffic Signs) का महत्वपूर्ण योगदान है। ये संकेत न केवल सड़क पर यातायात को नियंत्रित करते हैं, बल्कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद करते हैं। भारत में ट्रैफिक संकेतों को मोटर वाहन अधिनियम और भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) द्वारा परिभाषित किया गया है। ये संकेत सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए एक समान भाषा के रूप में काम करते हैं, चाहे वह पैदल यात्री हो या वाहन चालक।
भारत में ट्रैफिक संकेतों के प्रकार

भारत में ट्रैफिक संकेतों को तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- अनिवार्य (Mandatory) संकेत : ये लाल और नीले घेरे में होते हैं और नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है, जैसे गति सीमा और नो-एंट्री क्षेत्र।
- चेतावनी (Cautionary) संकेत : ये लाल त्रिभुज के रूप में होते हैं और संभावित खतरों के बारे में सचेत करते हैं, जैसे तीव्र मोड़ या ढलान।
- सूचनात्मक (Informatory) संकेत : ये नीले आयताकार चिह्न होते हैं, जो दिशा-निर्देश और निकटवर्ती सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
ट्रैफिक संकेतों का डिज़ाइन कैसे किया जाता है?
ट्रैफिक संकेतों का डिज़ाइन कार्यात्मकता, मनोवैज्ञानिक प्रभाव और सार्वभौमिक अपील का एक जटिल संयोजन है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महत्वपूर्ण जानकारी तेज़ी से और प्रभावी ढंग से सभी सड़क उपयोगकर्ताओं तक पहुँच सके, चाहे उनकी भाषा या साक्षरता का स्तर कुछ भी हो।
डिज़ाइन में चमकीले रंगों का उपयोग किया जाता है जैसे कि चेतावनी के लिए लाल रंग और दिशा-निर्देशों के लिए नीला रंग। इसके अलावा, संकेतों पर रिफ्लेक्टिव सामग्री का उपयोग किया जाता है ताकि रात के समय या खराब मौसम में भी ये स्पष्ट रूप से दिखाई दें।
भारत में ट्रैफिक साइन बोर्ड के प्रकार

- रिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड्स (Reflective Sign Boards)
- ये बोर्ड्स सड़क पर कार की हेडलाइट्स से प्रकाश को परावर्तित करते हैं।
- ये जंगरोधी एल्यूमीनियम प्लेट पर रिफ्लेक्टिव शीट से बने होते हैं।
- ये विशेष रूप से हाइवे और कम रोशनी वाले क्षेत्रों में उपयोगी होते हैं।
- आंतरिक रूप से प्रकाशित साइन बोर्ड्स (Internally Illuminated Sign Boards)
- इनमें एलईडी या फ्लोरोसेंट लाइट्स का उपयोग होता है।
- ये शहरी क्षेत्रों या भारी ट्रैफिक वाले स्थानों में पाए जाते हैं।
- कोहरे या खराब मौसम में भी आसानी से दिखाई देते हैं।
भारत में ट्रैफिक संकेतों के प्रकार

1. अनिवार्य (Mandatory) संकेत
- उदाहरण:
- नो एंट्री (इस क्षेत्र में प्रवेश वर्जित है)
- स्टॉप (यहाँ रुकना अनिवार्य है)
- नो यू-टर्न (यू-टर्न लेना प्रतिबंधित है)
- नो पार्किंग (यहाँ पार्किंग की अनुमति नहीं है)
- नो एंट्री (इस क्षेत्र में प्रवेश वर्जित है)
- विशेषताएँ:
- सफेद पृष्ठभूमि पर लाल सीमा
- गोलाकार आकार
- पालन न करने पर जुर्माना लग सकता है
2. चेतावनी (Cautionary) संकेत
- उदाहरण:
- तीव्र मोड़ (सावधानीपूर्वक मोड़ें लें)
- ढलान (सामने ढलान है)
- संकीर्ण पुल (सावधानी से संकीर्ण पुल पर चलें)
- विशेषताएँ:
- लाल त्रिभुज के आकार में
- संभावित खतरों के बारे में चेतावनी देते हैं
3. सूचनात्मक (Informatory) संकेत
- उदाहरण:
- पेट्रोल पंप (निकटतम पेट्रोल पंप की जानकारी)
- अस्पताल (अस्पताल का स्थान)
- पार्किंग क्षेत्र (पार्किंग के लिए निर्दिष्ट क्षेत्र)
- विशेषताएँ:
- नीले रंग के आयताकार या वर्गाकार चिह्न
- दिशा-निर्देश और सुविधाओं की जानकारी देते हैं
4. मार्गदर्शक (Guide) संकेत

- लंबी दूरी पर दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिए उपयोगी
- उदाहरण:
- माइलपोस्ट (दूरी और दिशा की जानकारी)
- गंतव्य संकेत (गंतव्य तक पहुँचने के मार्ग का संकेत)
5. सहायक (Auxiliary) संकेत
- प्राथमिक संकेतों के पूरक के रूप में कार्य करते हैं
- उदाहरण:
- रोड क्लोजर (सड़क बंद है)
- डिटूर (वैकल्पिक मार्ग)
- काम चल रहा है संकेत (निर्माण कार्य चल रहा है)
सड़क सुरक्षा में ट्रैफिक संकेतों का महत्व
- यातायात के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करना
- दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करना
- आवश्यक जानकारी प्रदान करना
- सड़क नियमों का पालन सुनिश्चित करना
- भारत में प्रयुक्त प्रमुख ट्रैफिक संकेत (Key Traffic Signs Used in India)
- 1. अनिवार्य ट्रैफिक संकेत (Mandatory Traffic Signs)
- ये संकेत सड़क सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं
संकेत | अर्थ |
स्टॉप (Stop) | तुरंत रुकने का निर्देश |
नो एंट्री (No Entry) | प्रवेश वर्जित क्षेत्र |
नो पार्किंग (No Parking) | पार्किंग की अनुमति नहीं |
स्पीड लिमिट (Speed Limit) | अधिकतम गति सीमा निर्धारित |
नो यू-टर्न (No U-turn) | यू-टर्न लेना प्रतिबंधित |
ओवरटेकिंग वर्जित (No Overtaking) | ओवरटेक करने की मनाही |
2. चेतावनी संकेत (Cautionary Traffic Signs)

- ये संकेत ड्राइवरों को संभावित खतरों से सतर्क करते हैं:
संकेत | अर्थ |
तेज मोड़ (Sharp Turn) | आगे तीव्र मोड़ है |
संकीर्ण पुल (Narrow Bridge) | संकीर्ण पुल का संकेत |
ढलान (Steep Descent/Ascent) | चढ़ाई या ढलान का संकेत |
स्कूल के पास (School Ahead) | स्कूल क्षेत्र के पास सावधानी बरतें |
पैदल क्रॉसिंग (Pedestrian Crossing) | पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित क्रॉसिंग |
3. सूचनात्मक संकेत (Informatory Traffic Signs)
- ये संकेत दिशा-निर्देश और सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं:
संकेत | अर्थ |
पेट्रोल पंप (Petrol Pump) | पेट्रोल पंप की उपस्थिति का संकेत |
अस्पताल (Hospital) | नजदीकी अस्पताल की जानकारी |
पार्किंग (Parking) | पार्किंग स्थल की उपलब्धता |
रेस्टोरेंट (Restaurant) | भोजनालय या रेस्टोरेंट का संकेत |
दिशा-निर्देश (Direction Sign) | दिशा या गंतव्य स्थल की जानकारी |
निष्कर्ष
भारत में ट्रैफिक संकेत केवल कानूनी आवश्यकता नहीं हैं, बल्कि सड़क पर सुरक्षित रहने के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल भी हैं। इनके सही ज्ञान और पालन से न केवल आपकी बल्कि दूसरों की भी सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- भारत में कितने प्रकार के ट्रैफिक संकेत होते हैं?
- लगभग 110 प्रकार के संकेत हैं जिन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में बाँटा गया है।
- ट्रैफिक लाइट के रंगों का क्या अर्थ है?
- लाल: रुकें
- पीला: सावधान रहें
- हरा: आगे बढ़ें
- सड़क चिह्नों के आकार क्या होते हैं?
- त्रिभुज
- अष्टकोण
- वृत्त
- आयत आदि